Ek Nazar

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Wednesday, January 13, 2010

नैय्यर द ट्रेंड सेटर

दुबली-पतली काया, काला सूट और उस पर हैट। गोल्डन फ्रेम का चश्मा। हिंदी फिल्मों की एक ऐसी दबंग शिख्सयत ...... जिसने आधी सदी तक लोगों को अपने गीतों पर झूमने के लिए मजबूर कर दिया। मैं बात कर रहा हूं ओमकार प्रसाद नैय्यर की यानि ओपी नैय्यर की। निरंकुश और हमेशा नये प्रयोग करने वाला यह संगीतकार 16 जनवरी 1926 को पाकिस्तान के लाहौर में पैदा हुआ। बंटवारे के बाद ये अपने परिवार के साथ अमृतसर आ बसे। बचपन से ही संगीत के प्रति गहरी रुचि होने के कारण उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। बतौर संगीतकार नैय्यरजी की फिल्म `आसमान´ थी। लेकिन इससे पहले उन्हें `कनीज´ फिल्म में बैकग्राउण्ड म्यूजिक का काम मिला। हालांकि इससे पहले भी एचएमवी कंपनी ने उनके संगीत निर्देशन में अल्बम भी निकाला था। यह काफी लोकप्रिय हुआ। बंबई (अब मुंबई) में काफी संघर्ष के बाद उन्हें गुरूदत्त की फिल्म `आर-पार´ मिली जो बम्पर हिट रही। और यहां से नैय्यरजी ने कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा।
आज मैं नैय्यरजीउन दस गानों का जिक्र करुंगा जो ऑल टाइम हिट हैं ही साथ ही मुझे बेहद पसंद हैं।
1 ये देश है वीर जवानों का (फिल्म : नया दौर गीतकार: साहिर लुधियानवी, गायक: मोहम्मद रफी, बलबीर)।
दिलीप कुमार और अजीत पर यह गीत फिल्माया गया था। आज भी 15 अगस्त और 26 जनवरी को यह गीत सुनाई देता है। गाने में पंजाब की मिट्टी की खुशबू आती है। भांगड़े की बीट पर रफी साहब की आवाज वाकई नैय्यरजी ने कमाल कर दिया। साहिर साहब की शायरी भी कमाल है।

2 हुजूर-ए-आला जो हो इजाजत ( फिल्म ये रात फिर ना आएगी, गीतकार: अजीज कश्मीरी, गायक: आशा भोसले, मिनो पुरषोत्तम)।यह मुझे अब तक का सर्वश्रेष्ठ क्लब सॉंग लगता है। इसका फिल्मांकन भी गजब है। गिटार की धुन, ढोलक की थाप एक अलग ही सुकून देती है। हेलन ने इस गाने में कमाल का नृत्य किया है। (दूसरी नृत्यांगना को मैं नहीं पहचानता )।

3 देखो कसम से देखो कसम से... (फिल्म : तुमसा नहीं देखा, गीतकार: मजरूह सुल्तानपुरी, गायक: मोहम्मद रफी, आशा भोसले)। यह गाना शम्मी कपूर और अमिता पर फिल्माया गया था। जंगल का सूना रास्ता और शम्मीजी को मनातीं अमिताजी। शब्दों को अगर ध्यान से सुना जाए तो मन में गुदगुदी सी उठती है। गीत के बैकग्राउंड में सारंगी की धुन मदहोश करने वाली है।

4 आंखों में कयामत के बादल (फिल्म: किस्मत, गीतकार: एसएच बिहारी, गायक: महेंद्र कपूर)।इस गीत के बोल जबरदस्त हैं। शरारत और छेड़छाड़ वाले गीतों में नैय्यरजी को महारत हासिल थी। बबीता और बिस्वजीत पर इसे काफी बोल्ड किस्म से िफल्माया गया था। (उस समय के लिए शायद यह बड़ी बात होगी।)
क्रमश:

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